श्रीदेव सुमन पुण्यतिथि : 25 July
श्रीदेव सुमन पुण्यतिथि : 28 वर्षीय नौजवान की शहादत की सार्थकता उनके कर्मो के साथ- साथ नौजवानों में उनके सन्देश की अनुभूति से आंकी जा सकती है।
मेरे नॉएडा निवास की दीवार पर लगी यह तश्वीर सिर्फ जज्बे को नमन करने के लिए ही नहीं बल्किन यह एहसास दिलाने के लिए है की इस धरा में जन्म लिए हुए सभी प्राणियों को इस धरा के प्रति अपना कर्तव्य निर्वाह का बोध होना चाहिए। यह मायने नहीं रखता की उक्त व्यक्ति की उम्र क्या है पर यह मायने रखता है की उक्त व्यक्ति का ध्येय क्या है। 1944 में 28 वर्षीय उस नौजवान ने अपने कर्मो से इतिहास के पन्नो पर स्वर्णिम अक्षरों से नौजवानों के लिए प्रेरणा देते हुए देह त्याग दिया।
राजशाही के खिलाफ मुखर कर कठोर कारावास के साथ 84 दिन की भूख हड़ताल के बाद राजशाही के जुल्मों के शिकार हुए नौजवान जाते जाते हम नौजवानों के लिए सदा के प्रेरणा श्रोत सन्देश छोड़ गए।
श्रीदेव सुमन की कर्मस्थली में मै बाल्यावस्था से अनेक क्रातिकारी लोगों से मुखातिब हुआ। एक श्रीदेव सुमन की शहादत अनेक लोगों में जज्बे की लौ जला गई।
पूर्णतः तो नहीं लेकिन कुछ अंश उस जज्बे के मैंने भी ग्रहण किये। मै संभवतः उन बेड़ियों को नहीं थाम सकता जो श्रीदेव सुमन जी ने अपने कठोर कारावास में थामी थी लेकिन उनके जज्बों को जरुर थाम सकता हूँ।
यही मेरी तरफ से श्रधांजलि है और यही वास्तविक रूप से हम सबकी तरफ से श्रधांजलि है ।
आइये अपने कर्मों से अमर शहीद को सच्ची श्रदांजलि देने का संकल्प लें।
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